राजस्थान के बालिका शिक्षा फाउंडेशन की ओर से 3.38 लाख छात्राओं को “गार्गी पुरस्कार” और “बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार” प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार उन छात्राओं के लिए है जिन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य की बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
Shala Darpan Gargi Puraskar 2024-25
इस योजना के अंतर्गत, 10वीं और 12वीं कक्षा की उन छात्राओं को पुरस्कार दिया जाएगा, जिन्होंने 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। आवेदन प्रक्रिया 30 नवंबर 2024 तक खुली रहेगी और छात्राएं ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए बालिका शिक्षा फाउंडेशन ने एक विशेष पोर्टल बनाया है, जहाँ छात्राएं आवश्यक दस्तावेज़ जमा कर सकती हैं।
पुरस्कार की राशि
इस साल 10वीं कक्षा की 1.87 लाख और 12वीं कक्षा की 1.51 लाख छात्राओं को गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा। 10वीं कक्षा की छात्राओं को पुरस्कार राशि दो किस्तों में प्रदान की जाएगी। पहली किस्त में प्रत्येक छात्रा को 1,087 रुपये और दूसरी किस्त में 2,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। 12वीं कक्षा की छात्राओं के लिए पुरस्कार की राशि 5,000 रुपये होगी।
Gargi Puraskar 2024-25 Last Date
राजस्थान गार्गी पुरस्कार योजना 2024-25 के लिए आवेदन फॉर्म भरने शुरू हो गए है। फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है। इस योजना के लिए पात्र बालिकों को लास्ट डेट से पहले ही फॉर्म भर देना चाहिए। आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है।
अन्य विशेषताएँ
छात्राओं को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सुविधाजनक हो सके। साथ ही, 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी इस योजना से विशेष लाभ मिलेगा। जो छात्राएं विज्ञान, कला और वाणिज्य की पढ़ाई में आगे बढ़ेंगी, उन्हें विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए प्रेरित किया जाएगा।
योजना की आधिकारिक वेबसाईट – क्लिक करें
निष्कर्ष:
गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार की एक अत्यंत सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। इस योजना के तहत बड़ी संख्या में बालिकाओं को न केवल सम्मानित किया जाएगा, बल्कि उन्हें वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। इससे न केवल उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि वे उच्च शिक्षा की ओर भी आत्मविश्वास से कदम बढ़ा सकेंगी।