प्रदेश के 85 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षक पिछले कई वर्षों के तबादले का इंतजार कर रहे है। पिछली सरकार में भी दो बार तबादलों की घोषणा की गई थी, और एक बार आवेदन भी मांगे गए लेकिन शिक्षकों को कोई राहत नहीं मिली।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पिछले 6 वर्षों ने अपने ट्रांसफर का इंतजार है, पिछली भाजपा सरकार में शिक्षकों के ट्रांसफर हुए थे। इसके बाद पाँच साल तक कॉंग्रेस सरकार में शिक्षकों के तबादले नहीं हो सकें। शिक्षकों की दो नई भर्तियाँ होने से तबादलों का पूरा गणित बिगड़ गया है। शिक्षक संघठन तबादलों को लेकर लगातार मांग उठा रहे है।
अब ट्रांसफर की उम्मीद
थर्ड ग्रेड शिक्षकों को नई बीजेपी सरकार से काफी उम्मीद है। इसके लिए शिक्षक संघटन ने शिक्षामंत्री जी से शिक्षकों की समस्या से रूबरू कराया है। शिक्षा मंत्री ने नीति के तहत शिक्षकों को राहत भरा फैसला लेने का आश्वासन दिया है।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों का तबादला होने से शिक्षकों के साथ ही उनके परिवारों को भी राहत मिल सकेगी। पिछली सरकार के समय शिक्षकों के तबादले के लिए आवेदन मांगे गए थे। लेकिन किसी कारण से शिक्षकों का तबादला नहीं हो सका।
जहां की ज्यादा चाह, वहाँ रिक्त पद कम
शिक्षकों को जिस भी स्थानों पर ट्रांसफर की चाह ज्यादा है, वहाँ पर रिक्त पद कम है। शिक्षकों को सीकर, झुंझुनू, चुरू, अलवर, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, अजमेर, सहित 15 जिलों में सबसे ज्यादा शिक्षक आना चाहते है। लेकिन इन जिलों में शिक्षकों के अनुपात में पद खाली नहीं है। ऐसे में सरकार के द्वारा एक नीति के तहत तबादलों की तैयारी की जारी है।
प्रदेश में नई सरकार बनाने पर तबादलों की आस जागी थी लेकिन मामला आचार संहिता के कारण अटक गया। अब कुछ ही दिनों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसे में यदि नया सत्र शुरू होने से पहले तबादले नहीं हुए तो सत्र के बीच में ट्रांसफर होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
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