शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए नए प्रयोग किए जा रहे है। जिससे प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधार जा सके। इसके लिए पूर्व की गहलोत सरकार ने भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत करने के साथ ही विभिन्न प्रकार से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई है।
अब राजस्थान के वर्तमान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी शिक्षा के क्षेत्र में नए नए बदलाव की घोषणा से चर्चा में बने हुए है। हाल ही में शिक्षा मंत्री मदद दिलावर ने अपने बयान में कॉलेज शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की बात कही है।
उनके अनुसार प्रदेश में जल्द ही कॉलेज के लिए नई शिक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके यदि किसी स्टूडेंट ने प्रथम वर्ष का द्वितीय वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ दी है तो उन्हे सर्टिफिकेट या डिप्लोमा दिया जाएगा। और अगर कोई छात्र 5 वर्ष बाद भी दोबारा पढ़ाई जारी रखना चाहे तो वो आगे की पढ़ाई कर सकेंगे।
शिक्षा मंत्री का बयान
शिक्षा मंत्री जी ने कहा की नई शिक्षा नीति को लागू करने का काम चल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की मैने शिक्षा के क्षेत्र में कई निर्णय लिए है, जिससे काफी लोग नाराज हुए है, और कुछ लोग खुश भी है। जैसे स्कूलों में मोबाइल बैन से बच्चों को सीधा फायदा होगा।
कॉलेज शिक्षा व्यवस्था में अभी भी की जरूरी बदलाव की जरूरत है। इसमे सबसे जरूरी है की कॉलेज खत्म करने के बाद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे है। लाखों युवा कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद भी बेरोजगार घूम रहे है। ऐसे में कॉलेजों में ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए नहीं भटकना पड़े।
“संस्कार युक्त होनी चाहिए शिक्षा”
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा की शिक्षा के साथ संस्कार होना बहुत जरूरी है। बिना संस्कार के शिक्षा का कोई मतलब नहीं है। सरकारी और निजी स्कूलों में संस्कार युक्त शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। क्योंकि संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है।
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