नए सत्र से बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इस फैसले को शिक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस नए फैसले के अनुसार बोर्ड की पहली परीक्षा अप्रैल और दूसरी परीक्षा फरवरी महीने में आयोजती की जाएगी।
बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होने से स्टूडेंट्स में तनाव कम होगा और साल खराब होने से भी बचेगा। अभी तक पूरे वर्ष में एक बोर्ड परीक्षा होने से इसमें फेल होने वाले स्टूडेंट्स का एक साल बर्बाद हो जाता है। नए नियम के अनुसार बोर्ड की किसी एक परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने पर अगली परीक्षा में प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है।
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा करने के फैसले को शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं से यह नियम लागू होगा। इसके लिए सरकार सीबीएसई बोर्ड और अन्य स्टेट बोर्ड से भी बात कर रही है।
अब साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
देश के सभी बोर्ड में अभी तक साल में एक परीक्षा आयोजित होने से स्टूडेंट्स काफी तनाव में परीक्षा देते है। लेकिन अगले सत्र से 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होने से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
दरअसल पहले साल में एक पर परीक्षा होती थी। और यदि किसी विद्यार्थी की किसी भी कारण से परीक्षा खराब हो जाती है तो उसका पूरा साल बर्बाद हो जाता है। लेकिन नए नियम से बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी। इससे स्टूडेंट्स की एक परीक्षा खराब होने से दूसरी बार होने वाली परीक्षा में सुधार करने का मौका मिलेगा।
बच्चों के तनाव को दूर करना मकसद
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का मुख्य कारण स्टूडेंट्स का तनाव दूर करना है। नई शिक्षा नीति के अनुसार केंद्र सरकार एजुकेशन सिस्टम में कई प्रकार के नए बदलाव कर रही है। वर्ष 2024 में भी सरकार ने सिलेबस के फ्रेमवर्क में कई बदलाव विद्यार्थी हित के लिए किए है।
नए सत्र से स्टूडेंट्स के पास साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प होगा। और जिस भी परीक्षा में ज्यादा नंबर आते है, वह स्टूडेंट्स उन्ही नंबरों के साथ आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। बोर्ड परीक्षा से छोटी उम्र में भी बच्चों को बहुत अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इस परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए ही सरकार नवाचार कर रही है।