समाज कल्याण विभाग की छात्रवृति नियम में बदलाव किया गया है। इससे स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलने वाली है। स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा हर महीने फिंगरप्रिंट लगाने के नियम को बंद कर दिया है। अब साल में एक बार ही बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) लगाना होगा।
समाज कल्याण विभाग के द्वारा सत्र 2023-24 से शुरू किया गया मासिक बायोमेट्रिक सत्यापन एक साल के अंदर ही वापस लेना पढ़ गया है। दरअसल समाज कल्याण विभाग की तरफ से स्टूडेंट्स को मिलने वाली स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए विभाग ने हर महीने कॉलेज में जाकर फिंगरप्रिंट लगाने का नियम बनाया था। जिसे एक सत्र के बाद ही बंद कर दिया गया है।
स्कॉलरशिप की राशि स्टूडेंट्स के खाते में डालने के लिए अब विद्यार्थी को साल में एक बार कॉलेज में बायोमेट्रिक सत्यापन करना होगा। इसके बाद कॉलेज के द्वारा स्टूडेंट्स का डेटा समाज कल्याण विभाग को भेज दिया जाएगा। और स्टूडेंट्स को समय पर स्कॉलरशिप की राशि प्राप्त होगी।
वहीं, छात्रों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। अब पूरे वर्ष में एक ही बायोमैट्रिक देने के नियम की शिथिलता से जनजातीय क्षेत्र के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान समय से हो सकेगा। इस नियम के चलते पूरा वर्ष बीत जाने के बाद भी गत वर्ष की तुलना में छात्रों ने उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन कम किए हैं।
बता दें कि इससे ग्रामीण अंचल के स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि अक्सर ये देखा गया था कि कुछ छात्र खेती के साथ पढ़ाई कर रहे थे, ऐसे में वह हर माह बायोमैट्रिक हाजरी के लिए नहीं आ पा रहे थे। नए सत्र से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी।
इस सत्र की स्कॉलरशिप नहीं डलने से स्टूडेंट्स काफी परेशान है। विभाग के अनुसार सभी स्टूडेंट्स के स्कॉलरशिप की राशि डालना शुरू हो गई है। कुछ ही समय में सभी स्टूडेंट्स के स्कॉलरशिप की राशि बैंक खाते में डाल दी जाएगी। यदि किसी स्टूडेंट के स्कॉलरशिप फॉर्म में कोई भी गलती होती है, तो उन्हे सुधारने का समय भी दिया जाएगा।
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