राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत बीएड कोर्स में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। 10 साल बाद एक बार फिर से बीएड का पाठ्यक्रम 1 वर्ष का किया जा रहा है। यह बदलाव 2025 से लागू होगा, जिससे देश में शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य है।
क्या हैं नए बदलाव?
1 वर्षीय बीएड कोर्स
- अब 1 साल का बीएड कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए होगा जिन्होंने 4 वर्षीय स्नातक या स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर ली है।
- यह बदलाव ऐसे अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाएगा जो स्नातक या मास्टर्स के बाद शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं।
2 वर्षीय बीएड कोर्स
- यह कोर्स उन छात्रों के लिए रहेगा जिन्होंने 3 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पूरा किया है।
4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड
- वर्ष 2023 में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड जैसे इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किए गए।
- 2025 से इनमें चार नए विशेषज्ञ कोर्स भी जोड़े जाएंगे, जिनमें शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, योग शिक्षा और संस्कृत शिक्षा शामिल हैं।
- 12वीं के बाद शिक्षक बनने के इच्छुक विद्यार्थी इस कोर्स में सीधे दाखिला ले सकेंगे।
2027 तक नए नियम प्रभावी होंगे
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) 2027 तक नए नियमों को पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के पहले बैच के पूरा होने से पहले ही यह नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
फर्जी कॉलेजों पर सख्ती
फर्जी बीएड कॉलेजों पर लगाम लगाने और शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। एनसीटीई इस दिशा में नियमों को और सख्त बनाने पर काम कर रही है।
टीईटी मापदंडों में भी बदलाव
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) के नियमों और मापदंडों में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है, जिससे बेहतर शिक्षक तैयार किए जा सकें।
नए प्रारूप से क्या होगा फायदा?
इस बदलाव से शिक्षक बनने की प्रक्रिया सरल और गुणवत्तापूर्ण होगी। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिले की सुविधा से छात्रों को बचपन से ही बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही, 1 वर्षीय बीएड कोर्स से उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी कम समय में शिक्षक बनने के योग्य हो सकेंगे।